NEWS JMK (KUMAR LALIT)
वन विभाग मॉनसून के दौरान जिला में बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान की
शुरूआत करने जा रहा है। इसके लिए जिला की तीन नर्सरियों में 7 लाख पौधे
तैयार किए जा रहे है।इस बार कोरोना महामारी संक्रमण के चलते अधिक संख्या
में औषधीय पौधे लगाएं जाएंगे। यह पौधे जिला के विभिन्न हिस्सों में लगाए
जाएंगे ताकि जिलावासियों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
इस बारे में
जानकारी देते हुए उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि सभी पौधों को जिला की
अलग-अलग नर्सरियों नामतः गुरुग्राम सेक्टर-52 नर्सरी , राय सिन्हा नर्सरी
सोहना व हेली मंडी स्थित नर्सरी में तैयार किया जा रहा हैै। सभी पौधे जून
माह के अंत तक तैयार हो जाएंगे जिसके बाद जुलाई माह के शुरूआत में दस्तक
देने वाले मानसून के अंत तक विशेष पौधारोपण अभियान चलाते हुए पौधारोपण किया
जाएगा।
उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान लगने वाले पौधों में
तुलसी , गिलोय , नीम , अमरूद, शीशम , बरगद , जामुन , चंपा , गुलमोहर ,
अर्जुन, पापड़ी, एलोवेरा, पीपल, अशोक के पौधे शामिल है। इनके अलावा,
पौधारोपण के दौरान छायादार , फलदार , कम ऊंचाई वाले और जल्दी बड़े होने
वाले पेड़ो को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण
संरक्षण में पौधारोपण का विशेष व महत्वपूर्ण योगदान है। मानसून का समय
पौधारोपण के लिए सबसे अनुकूल समझा जाता है। वन विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष
की भांति इस वर्ष भी पौधारोपण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।
पौधारोपण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास तौर पर ध्यान रखने के लिए भी
रूपरेखा तैयार की गई है ताकि कोविड-19 संक्रमण ना फैले। उन्होंने कहा कि
अधिक से अधिक पौधे लगाने से पर्यावरण स्वच्छ होगा व प्रदूषण की मात्रा कम
होगी।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस बार कोरोना
संक्रमण को ध्यान में रखते हुए औषधीय पौधे लगाने की दिशा में भी काम किया
जा रहा है। उन्होंने बताया कि नीम , गिलोय, तुलसी , एलोवेरा जैसे अनेक
औषधीय पौधे लगाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि
औषधीय पेड़-पौधे सरलता से सभी को उपलब्ध हो जाते हैं। वन विभाग द्वारा यह
पौधे सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाते हैं जहां आमजन का आगमन अधिक हो और
उन्हें तुलसी, नीम, गिलोय जैसे हर्बल प्लांट्स आसानी से मिल सकें ।
उन्होंने
कहा कि पौधारोपण के दौरान नए पौधे लगाने के साथ साथ पहले से लगे हुए पौधों
के रख-रखाव का भी ध्यान रखा जाता है। पहले से लगे हुए पेड़ों में खाद ,
कीटनाशक आदि दवांए भी समय-समय पर दी जाती हैं ताकि वे अच्छे से फल-फूल सकें
। इसके अलावा, पौधों पर ट्री गार्ड भी लगाए जा रहे हैं ताकि कोई अवारा पशु
इसे नष्ट ना कर सकें और इनकी आयु बढ़े।
श्री खत्री ने कहा कि
पर्यावरण में बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण
संरक्षण के लिए जरूरी है कि हम सब एकजुटता से कार्य करें और मानसून में
अधिक से अधिक पौधारोपण करें तभी हम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ व निर्मल
वातावरण दे सकते हैं।
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