डीएओ डा.मंजू बांगड़ ने कहा- आयुर्वेदिक काढ़ा रखेगा रोग मुक्त
कुमार ललित
गुरूग्राम उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अब आयुष मंत्रालय की ओर से दिए गए सुझावों की अनुपालना करते हुए रोग मुक्त रहा जा सकता है। कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक काढ़ा स्वास्थ्य सुधार में सहयोगी है।
आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोना से बचाव के लिए लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की सलाह दी जा रही है जिसके अनुसार दिन में कम से कम एक बार काढ़ा पीने से व्यक्ति काफी हद तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बच सकता है। डीसी व आयुष विभाग के निर्देशानुसार जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने बताया कि कोरोना के बाद लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया है। हर कोई अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में जुटा है ताकि कोरोना के साथ-साथ अन्य बिमारियों से भी बचाव हो सके। इम्युनिटी बूस्टर के प्रति लोगों में तेजी से जागरूकता बढ़ी है। इससे कोरोना ही नहीं, कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। पहले जो लोग सुबह अपने दिन की शुरूआत कॉफी व चाय की चुस्की से करते थे, वह अब आयुर्वेदिक देसी काढ़ा लेते हुए स्वास्थ्य के प्रति सजगता बरत रहे हैं।
यह है काढ़ा तैयार करने की विधि - डा.बांगड़
डा.मंजू बांगड़ ने जानकारी देते हुए आयुष विभाग के तहत लोगों को घर पर ही काढ़ा बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उन्हें विधि भी बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि एक कप काढ़ा बनाने के लिए एक कप पानी उबालते समय गुड मिला लें और पानी उबलने पर गैस बंद कर दें। एक ग्राम की मात्रा में क्वाथ द्रव्य डालकर ढककर रख दें। कुछ देर बाद छानकर पी लें। पीते समय इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। सेंधा नमक या काला नमक भी स्वादानुसार डाल सकते हैं। इस काढ़े को पीने से कोरोना समेत कई अन्य बीमारियों से आसानी से लडने में सक्षम हो जाएंगे।
काढ़ा बनाने में इन सामग्रियों का करें प्रयोग-
उन्होंने बताया कि घर पर अपनी रसोई में भी काढा तैयार करते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि काढ़ा बनाने के लिए जरुरी वस्तुओं में से ज्यादातर चीजें हर घर की रसोई में आसानी से मिल जाती हैं। काढ़ा बनाने के लिए तुलसी के पत्तें, दालचीनी, काली मिर्च, सौंठ, गुड़, नींबू का प्रयोग किया जा सकता है।
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