घनश्याम
पटौदी,
आजादी के 74 वर्ष बाद आखिरकार गांव जाटौली में कक्षा
आठवीं के बाद लड़कों के लिए स्कूल की व्यवस्था सरकार ने कर दी। मंगलवार इस
बारे में आधिकारिक घोषणा कर दी इसी के साथ ही नौवी कक्षा के लिए नया सत्र
शुरू करने की प्रकिया शुरूकर दी। स्कूल मिलने के बाद यहां छात्राओं और
अभिभावकों ने सरकार का धन्यवाद किया हैं। वहीं इस बाबत क्षेत्र के विधायक
सतप्रकाश जरावता ने कहा उनका प्रयास रहेगा कि कक्षाएं शुरू होने के बाद
ज्यादा से ज्यादा सुविधा छात्रों को मिल सके।
जिले के चार स्कूल अपगे्रड
प्रदेश
सरकार ने सोमवार को चार स्कूलों को अपग्रेड करने का फैसला लिया और इसमें
मंगलवार से दाखिला प्रकिया शुरू करा दी। गुरूग्राम के गांव ऊंचामाजरा और
लोकरा के दसवीं कक्षा के स्कूल को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड
किया हैं। इसके अलावा जाटौली तथा नौरंगपुर के मिडिल स्कूल को भी अपग्रेड कर
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दिया गया है।
2.72 करोड़ का बजट पास
सरकार
द्वारा स्कूलों को अपग्रेड के दौरान 2 करोड़ 71 लाख 97 हजार रूपए का बजट
रखा गया है। बजट में नए अध्यापकों के पदों के अलावा कर्लक दूसरे पदों का
सर्जन करने का खर्चा तय किया गया है। 4 नए प्रिंसिपल, 48 अध्यापक, 4
एसिटंेट अध्यापक, 2 लिपिक, 12 पोस्ट लैंब एटेंडेंट, 4 चतुर्थ श्रेणी
कर्मचारियों का प्रावधान इन चारों स्कूलों के लिए किय गया है।
किया धन्यवाद
जाटौली
गांव के लोगों वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने के लिए विधायक सतप्रकाश
जरावता का धन्यवाद किया है। ललित कुमार जेएमके मैडिकल, सतबीर पहलवान पूर्व
पार्षद, रवि चैहान, पार्षद विकास यादव, पार्षद मदन गुप्ता का कहना है कि
दरदर हो छात्रों का इससे जीवन जीने का मौका मिलेगा। इन लोगांे ने पत्रकार
घनश्याम का धन्यवाद किया जो पिछले लंबे समय से सरकार तक उनकी आवाज पहुंचा
रहे थे। इसके अलावा जाटौली स्कूल के प्रिंसिपल रामफूल का भी यहां के लोगों
ने धन्यवाद किया हैं जिन्होंने समय पर सरकारी नार्मस पूरे किए।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस
संबंध में जाटौली में अपग्रेड किए स्कूल के प्रिंसिपल रामफूल का कहना है
कि नौवीं कक्षा में दाखिला प्रकिया शुरू कर दी गई है उच्च अधिकारियों के
आदेश जारी हो चुके हैं। स्कूल में जल्द कमरों की संख्या बढ़ा दी जाएगी और
बच्चों की बेहतर शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा।
नहीं मिलता था दाखिला
आठवीं
कक्षा पास होते होते छात्रों का खुशी कम गम ज्यादा रहता था क्योंकि इसके
बाद इन्हें खंडेवला, शेरपुर, पातली, पटौदी, नूरगढ़ आदि स्कूलों में दाखिले
के यहां स्टाफ द्वारा दुतकार दिया जाता था ऐसे में निजी स्कूलांे में जेब
कटाने के अलावा कोई रास्ता इन छात्रों के पास नहीं होता था।
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