जाटौली राजकीय महाविद्यालय की दिवारों की साथ भरा सीवर का गंदा पानी। |
घनश्याम
पटौदी,
हेलीमंडी नगरपालिका द्वारा बनाया गया एसटीपी अब
राजकीय महाविद्यालय जाटौली के छात्र छात्राओं के लिए नरक का द्वार बन गया
है। एसटीपी को शुरू किए साल भर बीत चुका है लेकिन अभी तक स्थानीय
अधिकारियों द्वारा इसके पानी की निकास का प्रबंध नहीं किया गया जिसके कारण
महाविद्यालय की चारदिवारी के साथ कई कई फिट सीवर का गंदा जमा हो गया। कई
स्थानों से सीवर का गंदा पानी दिवार के नीचे से महाविद्यालय के प्रांगण में
जमा हो रहा है।
क्या है परेशानी
नरगपालिका हेलीमंडी द्वारा गांव जाटौली में महाविद्यालय की दिवार के साथ एसटीपी के लिए जगह जनस्वास्थ्य विभाग को दी गई। यहां एसटीपी तो चालू कर दिया गया लेकिन अभी तक एसटीपी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी के निस्तारण की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। एसटीपी से निकले सीवर के पानी एसटीपी में जोहड़ में तबदील हो गया है।
बदबू और गंदगी से परेशान
महाविद्यालय की छात्रा
खुशी, रमा व दिक्षा का कहना है कि महाविद्यालय में गंदगी के कारण पढ़ाई का
पूरा माहौल खराब हो गया हैं। दिवारों के साथ खड़े गंदे पानी से भंयकर बदबू
और गंदगी फैली रहती है।
जतिन, निशांत, भूपेंद्र व अजय सिंह के अनुसार
अगर प्रशासन की ओर से जल्द ही गंभीर समस्या के लिए ठोस कार्यवाही नहीं की
गई तो परेशान छात्र आंदोलन भी कर सकते हैं। गंदे पानी की समस्या दिनों दिन
बढ़ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में महाविद्यायल की
कार्यकारी अधिकारी वदंना का कहना है कि गंदे पानी की निकासी के लिए कई बार
जनस्वास्थ्य विभाग को लिखित में शिकातय कर दी गई है लेकिन कोई ठोस
कार्यवाही इस बाबत नहीं की गई है।
अधूरा नाला
साल भर से गंदे पानी की
निकासी के लिए विभाग द्वारा इसे शहर से बाहर ले जाने के लिए नाला बनाया जा
रहा है लेकिन नाले का काम पूरा होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अगर नाले
के निर्माण में तेजी लाई जाए तो समस्या का कुछ समाधान हो सकता है।
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