घनश्याम
अपराजिता ने संपर्क करने पर बताया कि किस प्रकार हेल्पलाइन नंबर 1950 पर आने वाली कॉल को डील किया जाता है। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन पर समय के साथ कॉल करने वालों के विषय बदलते रहते हैं। हेल्पलाइन पर कॉल सुनने के लिए बैठाए गए स्टाफ को आराम से विनम्रता के साथ बात करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है ताकि वे कॉल करने वाले व्यक्ति के साथ आदर के साथ पेश आएं। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के व्यवहार का पता लगाने के लिए वे स्वयं भी अलग-अलग समय, यहां तक कि अल सुबह 3 बजे भी फ़ोन करके देखती हैं और उसमें जो कमी पाई जाती है, उसको ठीक करवाती हैं । जो कर्मचारी अपने में सुधार नहीं ला सकते उन्हें किसी और स्थान पर ड्यूटी पर भेज दिया जाता है । इस कड़ी में एनसीसी के कैडेटो को भी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि आपात स्थिति में उनसे भी इस कार्य में सहयोग लिया जा सके । उन्होंने बताया कि यह हेल्पलाइन 24 घंटे चालू रहती है और इस पर 3 शिफ्टों में स्टाफ ड्यूटी पर रहता है। शिफ्ट प्रातः 7:00 बजे से दोपहर बाद 3:00 बजे तक, शाम 3:00 से रात्रि 11:00 बजे तक और रात्रि 11:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक की बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि जिस विभाग की सेवा से संबंधित कॉल आती है उससे फॉलो अप टीम द्वारा तालमेल करके गूगल फॉर्म पर डाटा भरकर भेजा जाता है। फॉलोअप टीम की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी लेती है। यही नहीं, यदि कोई व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके कहता है कि मै भूखा हूं, खाने के लिए कहां जाऊं तो उससे उसका स्थान पूछ कर गूगल पर फूड सेंटर या रिलीफ सेंटर की लोकेशन देख कर बताया जाता है कि वह उस नजदीकी स्थान पर जा सकता है। ऐसे मामलों का भी फॉलोअप टीम द्वारा फीडबैक लिया जाता है।
गुरूग्राम , कोविड-19 लॉक डाउन शुरू होने के बाद गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1950 शुरू किया गया जिस पर प्रतिदिन 1000 से 1200 कॉल प्राप्त हो रही हैं। गत 30 मार्च से लेकर अब तक इस हेल्पलाइन नंबर पर लगभग 8000 कॉल आ चुकी है।
उपायुक्त अमित खत्री के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे इस हेल्पलाइन नंबर पर अब लाइनों की संख्या बढ़ाकर 24 कर दी गई है ताकि कॉल करने वाले व्यक्ति को ज्यादा देर इंतजार ना करना पड़े। खत्री के अनुसार हेल्पलाइन नंबर 1950 पर अब वेटिंग टाइम 20 सेकेंड से भी कम रह गया है। ज्यादातर कॉल सूखा राशन, कर्फ्यू पास की मांग और ब्लैक मार्केटिंग या ज्यादा कीमत वसूलने, कंटेंमेंट जोन, कोरोना के लक्षण जानने आदि के बारे में आ रही हैं। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान जिला में सभी आवश्यक सेवाएं सुचारू ढंग से चलाने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी हुई है। इसी के तहत हेल्पलाइन पर आने वाली मांगो तथा समस्याओं आदि को लेकर कोऑर्डिनेट करने की जिम्मेदारी असिस्टेंट कमिश्नर अंडर ट्रेनिंग अपराजिता देख रही हैं।
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