कुमार ललित
- कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में कारगर सिद्ध होगी यह पुस्तिका - उपायुक्त अमित खत्री
- सभी को पुस्तिका ध्यान से पढ़ने और उसमें दी गई सलाह का पालन करने का दिया गया सुझाव
गुरुग्राम जिला में जिस हिसाब से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा आम जनता को जागरूक करने के लिए एक पुस्तिका तैयार की गई है जिसमें क्वॉरेंटाइन तथा कोविड-19 के मरीजों को आइसोलेशन में क्या सावधानियां बरतनी है, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
उपायुक्त अमित खत्री के मार्गदर्शन में तैयार की गई इस पुस्तिका में वह सब जानकारी जुटाई गई है जिसकी एक कोरोना संक्रमित मरीज अथवा उसके परिजनों को जानने और समझने की आवश्यकता है। उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि आम जनता के लिए यह पुस्तिका अत्यंत लाभकारी साबित होगी और इसमें उन सभी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है जो कोरोना को लेकर एक व्यक्ति के दिमाग में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव आने पर व्यक्ति कई बार जानकारी के अभाव में परेशान हो जाता है जबकि हो सकता है उसे ज्यादा इलाज की आवश्यकता ही ना हो तथा वह अपने शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता से कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाए। ऐसे में हर व्यक्ति को इस बीमारी के बारे में जानने की आवश्यकता है ताकि वह निराशा में कोई गलत कदम ना उठाए और अनावश्यक रूप से परेशान ना हो। इसके अलावा यदि उसे पूरी जानकारी होगी तो वह बीमारी को फैलने से भी रोकने में सहायक हो सकता है।
उदाहरण देते हुए श्री खत्री ने बताया कि कोविड 19 के मरीजों को उनके लक्षणों की गंभीरता के आधार पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें पहली श्रेणी वह है जिसमें चिकित्सीय रूप से हल्के एवं बहुत मामूली लक्षणों वाले कंफर्म मामले आते हैं, जिसमें आमतौर पर मरीज को अगले 7 दिनों के लिए अपने घर पर ही आइसोलेशन में रहने और अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करने की सलाह दी जाती है। दूसरी श्रेणी में ऐसे मरीज आते हैं जो चिकित्सीय रूप से मध्यम लक्षणों वाले होते हैं अर्थात जिनमें निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन उनकी श्वसन दर 15 से 30 प्रति मिनट होती है। ऐसे मरीजों को 3 दिनों तक यदि कोई लक्षण नहीं आते हैं तो डिस्चार्ज किया जा सकता है और यदि लक्षण दिखाई दें तो 10 दिन के बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है। उन्हें भी कई बार 7 दिनों के लिए घर पर आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। तीसरी श्रेणी में ऐसे गंभीर चिकित्सीय लक्षणों वाले कंफर्म मरीज होते हैं जिनमें गंभीर निमोनिया के लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे मरीजों को लक्षणों में पूरी तरह सुधार होने तक अस्पताल में रखा जाता है और उसके बाद ही डिस्चार्ज किया जाता है।
उपायुक्त ने बताया कि इस पुस्तिका में यह भी बताया गया है कि मरीज के करीबी संपर्क अर्थात क्लोज कांटेक्ट में रहने वाले लोगों को क्या क्या सावधानियां बरतनी है ताकि वे संक्रमण के जोखिम को कम कर सकें। इसके अलावा पुस्तिका में बताया गया है कि कोविड-19 बीमारी कैसे फैलती है। यह भी बताया गया है कि अभी तक इस बीमारी के इलाज के लिए कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसमें जानकारी से ही बचाव किया जा सकता है। पुस्तिका में बताया गया है कि होम आइसोलेशन में रखे गए कोविड-19 के मरीज को क्या सावधानियां बरतनी है, घर के अन्य सदस्यों से भी दूरी बनाए रखनी है, अपने व्यक्तिगत सामानों को घर के दूसरे सदस्यों के साथ सांझा नहीं करना है। होम आइसोलेशन वाले मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को किन सावधानियों का ध्यान रखना है, यह भी इस पुस्तिका में बताया गया है। कोविड-19 संक्रमित मरीजों को किस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए, यह भी बताया गया है। इसमें कहा गया है कि मरीज को रोजाना ताजे और अनप्रोसैस्ड आहार जैसे कि फल, सब्जी, नट्स, साबुत अनाज, मक्का और गेहूं, मीट, मछली, अंडा और दूध का सेवन करना चाहिए। स्नैक्स के लिए अधिक चीनी नमक और वसा युक्त चीजों की बजाय कच्ची सब्जियां और ताजे फल खाने चाहिए। मरीज को रोजाना 8 से 10 कप पानी पीना चाहिए। इसके अलावा यह भी बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी कपड़ों को अलग रखना चाहिए और इसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। यदि संभव हो तो मरीज को अपने कपड़े खुद धोने चाहिए। यही नहीं पुस्तिका में यह भी बताया गया है कि होम आइसोलेशन कितने दिन का होता है, कोरोना के मरीजों को डिस्चार्ज करने की नई पॉलिसी के बारे में भी बताया गया है।
पालतू जानवर और कोविड-19 के बारे में भी पुस्तिका में प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि कोविड-19 के संदिग्ध या कन्फर्म मरीज को अपने पालतू जानवरों से दूर रहना चाहिए। यही नहीं इसमें सभी हेल्पलाइनो का भी उल्लेख किया गया है, जैसे कि राज्य हेल्पलाइन 1075, जिला हेल्पलाइन नंबर 1950, एंबुलेंस हेल्पलाइन नंबर 108 और ई-मेल तथा ट्विटर हैंडल, जिस पर आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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