घनश्याम
पटौदी,
बंगाल से मेवात में काम की तलाश में आए नाबालिग को
चार वर्षों तक बंधक बनाकर रखा परिजनों ने मरा समझकर तलाश ही छोड़ दी।
धर्मनांतरण के लिए दबाब बनाया जाने लगा तो बंजरगदल के कार्यकर्ताओं से उसे
बचाने की मिनंत की और आखिरकार बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने इंसानियत दिखाते
हुए मेवात के एक धर्मविशेष के चुंगल से उसे आजाद कराया। कुछ ऐसी ही दास्ता
है राज सन्यासी की। छोटे से बच्चे को दर्द की इंमतिहा से गुजरना पड़ा और
अपने चार साल काटे उसे सोचकर भी डर लगता है। फिलहाल उसके परिजन उसे लेने के
लिए आने वाले हैं। बच्चा अपने आप को सुरक्षित मानकर फिलहाल खुश है लेकिन
इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर मेवात में हिंदुओं पर होेने वाले
अत्याचारों को हवा मिल गई है। हाल में कई सामाजिक संस्थाओं ने इस ओर जमकर
हल्ला बोल किया था जिसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई थी।
क्या है मामला
चार वर्ष पूर्व 14 वर्ष का राज सन्यासी निवासी निलीगुड़ी कालावाड़ी बंगाल मधुमख्खी पालन करने वालों के साथ यहां काम की तलाश में आया था। इस दौरान उसकी मुलाकात मेवात के गांव गोयला के रहने वाले एक धर्म विशेष के व्यक्ति से हुई जिसने उसे काम देने की बात कही और अपने साथ ले गया। पहले कुछ दिनों तक सब ठीक रहा लेकिन बाद में उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। पैसा मांगने पर मार के साथ साथ खाना पीना तक बंद कर दिया गया। किसी को पता न चले उसे कमरे में रखा गया। किसी से बात तक नहीं करने दी गई। चार वर्षों में उससे काम तो जी तोड़ लिया गया लेकिन अभी तक उसे एक पैसा उसे नहीं दिया गया।
अब चक्की चलाता था
मेवात
में विशेष समुदाय के चगंुल में फैसे युवक से अब आटा चक्की पर काम कराया
जा रहा था। यह किसी से बात नहीं करे इसके लिए इसके साथ साथ वो लोग रहते थे
जिसने इसे अपने घर बंधक प्रायः बनाया हुआ था। अपनी आईडी के एक मात्र
आधारकार्ड की फोटो कॉपी को भी इन लोगों ने फाड़कर फैंक दिया था।
मेवात से छुड़ाया गया राज संयासी
परिजनों के लिए मर चुका
राज
सन्यासी के पिता जहर सन्यासी के अनुसार उन्होंने अपने बेटे को मरा हुआ समझ
लिया था। लंबे इंतजार के बाद रो रोकर आंखें भी थक चुकी थी लेकिन एका एक
अपने बेटे की आवाज सुनकर वो इस दिन को अपने लिए दिवाली से कम नहीं मान रहे
हैं। उनके अनुसार जिन लोगों ने उनके बेटे को बचाया है वो भगवान से कम नहीं।
धर्मानांतरण का दबाब
बैकौल
राज सन्यासी जिस घर में वो रह रहा था बिते कुछ दिनों से उसे उपर अपना
हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए दबाब बनाया जा रहा था अगर वो
इसके खिलाफ कुछ बोलता तो मार पड़ती थी। उसने एक बार वहां से भागने की भी
कोशिश की थी लेकिन कुछ लोगों ने पकड़कर उसे फिर उसी जहनुुन्म में भेज दिया।
बजरंग दल और गोरक्षा दल की टीम के साथ राज संयासी
यू छूटा चंगुल से
बजरंग
दल के जिला संयोजक मोनू मानेसर, विश्व हिंदू परिषद से मंजित सिहं, विनोद
यादव, भोलू ढांणा, दिपक पंचगांव, संदीप मानेसर, यशपाल पंचगांव की टीम को
कालू निवासी मेवात ने सूचना दी की राज सन्यासी को इस प्रकार से यहां रखा
गया है और अब इसके धर्म परिवर्तन की तैयारियां चल रही। सूचना मिलने के बाद
इन लोगों ने इस पर नजर रखनी शुरू की और मौका देखकर ये लोग इसे अपने साथ
लेकर मानेसर पहुंच गए फिलहाल यह बच्चा इन्हीं के साथ रह रहा है। इस मामले
की सूचना अभी पुलिस और प्रशासन को इन लोगों द्वारा या पीड़ित बच्चे द्वारा
नहीं दी गई है।
No comments:
Post a Comment