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Sunday, December 6, 2020

किसान संगठन अपने मांग पत्र में हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर का निर्माण करवाना भी शामिल करें- कृषि मंत्री जेपी दलाल




घनश्याम

- हरियाणा के किसानों के लिए इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सिंचाई के लिए पानी का है- कृषि मंत्री दलाल।

- पानी ही नहीं होगा तो फसल कैसे होगी और फसल नहीं होगी तो भाव गौण हो जाएगा।

- बोले, मैं पहले किसान हूं, फिर मंत्री, मैं भी किसानों के साथ।


गुरुग्राम, 6 दिसम्बर। हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने आज किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों, संगठनों, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करने वालों से अनुरोध किया है कि वे आंदोलन की मांग में यह लिखवा दें कि हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान के लिए इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सिंचाई के लिए पानी का है बाकी सारे मुद्दे उसके बाद आते हैं।

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल आज गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में उन्होंने खुलकर अपने मन की बात रखी और केंद्र की मोदी सरकार तथा प्रदेश की मनोहर सरकार द्वारा किसान हित में लागू किये गए निर्णयों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि किसान के नाम पर सभी अपनी अपनी राजनीति कर रहे हैं लेकिन हम किसान के बेटे हैं और किसान हितेषी फैसले लेते रहेंगे। अन्नदाता के सहयोग से उसके हित की बात जो भी करनी होगी, वो करेंगे। उन्होंने कहा कि जहाँ भी किसान की बात आ जाती है, हर आदमी की भावना किसान से जुड़ी रहती है। हर व्यक्ति कहता है कि वह किसान के साथ है। यहां तक कि मैं भी कहता हूं कि मैं पहले किसान हूं, फिर मंत्री हूं और मैं भी किसान के साथ हूँ। लेकिन हरियाणा के किसान के लिए इस समय सबसे बड़ा मुद्दा पानी का है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा के सात-आठ जिलों में हालात ये हैं कि भूमिगत जल स्तर 400 से 800 फुट नीचे चला गया है और कई इलाकों में तो पानी खत्म हो गया है। श्री दलाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र लोहारू में कुछ गांवों में तो पीने का पानी भी नहीं बचा है, सिंचाई की तो बात दूर है। उन्होंने कहा कि जब पानी ही नहीं होगा तो फसल कैसे होगी और फसल ही नहीं होगी तो भाव गौण हो जाएगा। इसलिए वे आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों, समर्थन करने वालों, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जो लोग भागीदार हैं, उन सभी से एक ही अनुरोध कर रहे हैं कि अपने मांग पत्र में यह लिखवा दें कि हरियाणा के किसानों के लिए एसवाईएल का निर्माण होना चाहिए ताकि जब बातचीत हो और भारत सरकार के नेता व अधिकारी गण तथा किसान नेता आमने सामने बैठें तो इस विषय पर भी चर्चा हो। प्रत्येक हरियाणा वासी के लिए आज पानी का मुद्दा अहम है। श्री दलाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में हम केस जीत चुके हैं और हरियाणा के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली एसवाईएल नहर, जिसका निर्माण पिछले 40 वर्षों से लटका हुआ है, वह बननी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पानी बचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और भूमिगत जल स्तर के आधार पर टपका सिंचाई प्रणाली अपनाने वाले किसानों को 85% से 100% तक सब्सिडी दी है। विपक्षी पार्टियों पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री श्री दलाल ने कहा कि हमारे विरोधी प्रचार करते हैं कि मंडियों को खत्म किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि नाबार्ड की सहायता से 5000 करोड़ रुपए की लागत से सोनीपत जिला के गन्नौर में बड़ी मंडी बनेगी, पंचकूला जिला के पिंजौर में लगभग डेढ़ सौ एकड़ में सेब की मंडी और गुरुग्राम में फूलों की मंडी विकसित होगी। 

श्री दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी हैं, उन्हें पूरी आशा है कि केंद्र सरकार कोई ना कोई रास्ता निकाल कर अन्नदाता के अनुकूल फैसला करेगी। दोनों पक्षों के बीच बिंदुवार चर्चा हुई है और कुछ बिंदुओं पर सहमति भी बनी है। कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी सही मायने में किसान हितैषी हैं। किसानों के हक में जितने फैसले उन्होंने किए हैं उतने फैसले विपक्षी पार्टियों की सरकारों के इतने अंतराल में नहीं हुए। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है, सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं, फसल बोने से पहले फसलों का भाव निश्चित किया गया है, एमएसपी पर खरीद की अच्छी व्यवस्था की गई है और हर प्रकार से किसानों के लिए व्यवस्था में सुधार किया गया है। 

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