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Thursday, February 25, 2021

अपने बच्चों को संस्कारवान, चरित्रवान और धर्म दे शिक्षा : सुशील गिरी

पटौदी,(कुमार ललित) हम अगर चाहते हैं कि भारत एक बार फिर अंखड बने तो हमें अपने बच्चों को संस्कारवान, चरित्रवान और धर्म की रक्षा करने की शिक्षा देनी होगी। भारत विश्व था आज फिर से इसे विश्व गुरू बनाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रयास शुरू करने की जरूरत है अगर हम नही ंतो हमारी आने वाली पीढ़ियां अखंड भारत में सांस ले यह हम सब के जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। यह बात वीरवार को हेलीमंडी में चल रही भागवत कथा के दौरान स्वामी सुशील गिरी सच्चिदानंद जी महाराज ने कही। इस अवसर पर बाहर से आए साधु समाज ने कथा वाचक देवेश कृष्ण शास़्त्री को अपना आशिर्वाद भी दिया। स्वामी सुशील गिरी जी महारा ने आगे कहा कि भारत सैकड़ों वर्षों तक गुलाम रहा बाहरी आताताईयों ने जमकर लूटा इतना ही नहीं हिंदू धर्म को मिटाने के बहुतेरे प्रयास किए गए लेकिन हिंदू ने मिटा है और न ही कभी मिट सकता है। बस अब समय आ गया है जातिवाद के जहर से ऊपर उठकर देश का नव निर्माण करें। कथा वाचन के दौरान देवेश कृष्ण शास्त्री ने सुदामा चरित्र का किया वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता में न कोई ऊंच होता हैए न कोई नीचाए न कोई ऐश्वर्यशाली होता है और न ही दरिद्र। मित्रता समानता की द्योतक है। जिससे विचारए व्यवहार मेल खाए उसी से मित्रता होती है। इन्हीं सब प्रकृतियों को समझना हो तो प्रभु श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता के प्रसंग को देखना चाहिए। मित्र का यह दायित्व है कि वह कष्ट में पड़े अपने मित्र की सहायता करें उसका सहयोग करे। अत्यंत निर्धन होने के बावजूद जब सुदामा भगवान कृष्ण के महल पहुंचते है तो उनका दशा देख कर कृष्ण की आंखों में आंसू आ जाते है। अपनी रानियों के साथ सुदामा के पांव धोकर कृष्ण ने अपने बाल सखा के प्रति आदर भाव प्रदर्शित करते हुए सच्ची मित्रता का भाव प्रदर्शित किया। कृष्ण ने विश्वकर्मा को आदेश देकर सुदामा के गांव में महल बनाया। इस अवसर पर मंहत कल्याण गिरी जी महाराज, महंत कृष्ण गिरी जी महाराज, पूर्ण गिरी, हरी गिरी महराज, हरिश कुमार विभाग कार्यवाहक, अनिल कश्यप विभाग प्रचार प्रमुख, मुलकराज, सुधीर मुद्गिल जिला प्रचार प्रमुख, ललित कुमार, नरेश पिंटू, सुरेंद्र गर्ग, डाक्टर भारत भूषण, मदनलाल पार्षद, श्रीपाल सिंह, चंदूलाल, पवन कुमार, आनंद भूषण जिला सह बौद्धिक प्रमुख, भगवत सिंह, , सुभाष गर्ग, उमेश अग्रवाल, शिव कुमार बंटी, केदार सैनी, अमीर सैनी, विजय पाल चौहान, मुकेश, वेद कुमार सैन, विनोद हाथरस, श्याम सुंदर, सतीश पंडित, विकास कुमार, संगीतकार बबलू, भगवत सैनी, ओमकार सैनी, जितेंद्र कुमार, अमित कुमार, नीरज गर्ग, गोपाल गर्ग, जगमोहन, कमल गोयल, सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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