- किसानों की सरसों फसल का जब तक दाना दाना नहीं खरीदा जाता, तब तक जारी रहेगा खरीद कार्य।
घनश्याम
गुरुग्राम, हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के मंत्री श्री जे पी दलाल ने आज कहा कि किसानों ने जितनी एकड़ भूमि पर सरसों की बिजाई का रजिस्ट्रेशन 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर करवाया है, उसी अनुसार किसान की सरसों खरीदी जाएगी। सरसों फसल की खरीद का कार्य मात्र 5 दिन नहीं बल्कि जब तक किसान का दाना दाना नहीं खरीदा जाता तब तक सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद जारी रहेगी।
श्री दलाल आज गुरुग्राम में अपने निवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल से प्रदेश में सरसों की खरीद शुरू कर दी गई है और कोविड 19 के चलते यह पहला मौका है कि स्थापित मंडियों से बाहर खरीद केंद्र बनाए गए हैं ताकि किसान एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर अपनी फसल बेच सकें और कोरोनावायरस संक्रमण से बच सकें। प्रदेश में लगभग 150 खरीद केंद्रों पर सरकार द्वारा निर्धारित ₹4425 प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसान की सरसों की खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि शुरू में कुछ स्थानों पर किसानों को दिक्कतें आई थी, उन्होंने पोर्टल पर ज्यादा एकड़ का रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन उन्हें फोन पर मैसेज कम का मिला था परंतु हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किसान को सच्चा माना और यह फैसला कर दिया कि जो किसान ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है, उसी अनुरूप उसकी फसल की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार फसल बिक्री करने के लिए किसान को मैसेज भेज कर आमंत्रित किया जा रहा है। श्री दलाल ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में तो कभी किसान की सरसों खरीदी ही नहीं गई और अब विपक्ष केवल राजनीति करने के लिए ब्यान बाजी कर रहा है। श्री दलाल ने कहा कि किसानों को जहां दिक्कत आ रही है, हम खुद देख रहे हैं, इसके लिए किसान चिंता ना करें। पहले दिन जो किसानों को कठिनाई हुई थी उसका हमने समाधान कर दिया है। उन्होंने कहा कि फसल खरीद के मामले में किसान को कहीं दिक्कत नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की नीतियां किसान की भलाई करने वाली हैं। उन्होंने यह भी विश्वास दिलाया कि खरीद के 3 दिन के भीतर पैसा किसान के खाते में डाल दिया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में श्री दलाल ने बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा में लगभग साढे छह लाख मैट्रिक टन सरसों की खरीद की गई थी। इस बार उससे ज्यादा लगभग 8 से 9 लाख मैट्रिक टन सरसों की खरीद होने की उम्मीद है। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरसों की पैदावार मुख्य रूप से दक्षिण हरियाणा में की जाती है इसलिए वे स्वयं शुक्रवार 17 अप्रैल से गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर, भिवानी, हिसार से सिरसा तक आकस्मिक तौर पर 3 दिन 15 से 20 खरीद केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और वहां व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि मंडियों में पर्याप्त मात्रा में बारदाने की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा किसानों तथा व्यापारियों की जो भी समस्याएं होंगी उनका निदान किया जाएगा लेकिन खरीद जारी रहेगी। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की इस संकट की घड़ी में देश के खाद्यान्नों के भंडार भरने पर किसानों का आभार जताया।
गेहूं की खरीद के विषय में कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा में 20 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की जाएगी। इस वर्ष 80 से 90 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है। इसके लिए खरीद केंद्र बना दिए गए हैं और अगर कहीं से किसानों की मांग आती है तो वहां पर भी उनकी सुविधा के लिए खरीद केंद्र बना दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गेहूं के अधीन रकबे का रजिस्ट्रेशन करने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल दोबारा खोला गया है। जिन किसानों ने अभी तक गेहूं के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया है वे 19 अप्रैल तक अभी भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
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